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UP TET Notes Download|Chandra Institute UPTET Notes PDF

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Chandra Institute UPTET Notes PDF-

Uttar Pradesh शिक्षा पात्रता परीक्षा में 2020 में जो प्रश्न पूछे गए हैं इस प्रश्न आपको यहां प्रोवाइड किए जा रहे हैं यह प्रश्न काफी इंपोर्टेंट है एग्जाम की दृष्टि से इन प्रश्नों को आप प्रैक्टिस कीजिए और इनका अध्ययन कीजिए

Chandra Institute UPTET Notes PDF साइकोलॉजी के 30 प्रश्न पूछे जाते हैं जो कि बहुत आसान होते हैं यदि आप इन को ठीक प्रकार से अध्ययन करेंगे और इन प्रश्नों को अपनी कॉपी में नोट करेंगे अवश्य ही आपको इन प्रश्नों से जरूर से जरूर पेपर में प्रश्न देखने को मिलेंगे चलिए हम शुरुआत करते हैं और इनका प्रैक्टिस सेट लगाते हैं इनको यदि आप डाउनलोड करना चाहते हैं तो नीचे इनका लिंक भी आपको मिल जाएगा

भाग-1 बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र

निर्देश (प्र. सं. 1-30) : निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प चुनिए :

1. युयुत्सा है

 (1) कल्पना

(2) संवेग

 (3) मूल प्रवृत्ति 

(4) चिन्तन

व्याख्या (3)’ युयुत्सा’ मूल प्रवृति है। ‘क्रोध’ युयुत्सा से सम्बन्धित संवेग है। विलियम मैक्डूगल को मूल प्रवृत्तियों के पूर्ण व व्यवस्थित रूप से प्रतिपादित करने के परिणामस्वरूप ही मूल प्रवृत्तियों का जनक माना जाता है। मैक्डूगल ने अपनी पुस्तक ‘आउट लाइन ऑफ साइकोलॉज़ी (Outline of Psychology) के अन्तर्गत 14 मूल प्रवृतियों का वर्णन किया है।

2. बालकों के सामाजिक विकास को प्रभावित करने वाले तत्व हैं।

(1) शारीरिक तत्व

(3) आर्थिक तत्व

(2) सामाजिक परिवेशजन्य तत्व

(4) वंशानुगत तत्व

व्याख्या (3)’ युयुत्सा’ मूल प्रवृति है। ‘क्रोध’ युयुत्सा से सम्बन्धित संवेग है। विलियम मैक्डूगल को मूल प्रवृत्तियों के पूर्ण व व्यवस्थित रूप से प्रतिपादित करने के परिणामस्वरूप ही मूल प्रवृत्तियों का जनक माना जाता है। मैक्डूगल ने अपनी पुस्तक ‘आउट लाइन ऑफ साइकोलॉज़ी (Outline of Psychology) के अन्तर्गत 14 मूल प्रवृतियों का वर्णन किया है।

3. शारीरिक विकास का एक प्रमुख नियम निम्न में से कौन-सा है?

(1) द्रुतगामी विकास का नियम

(2) अनियमित विकास का नियम

(3) मानसिक विकास से भिन्नता का नियम

(4) कल्पना और संवेगात्मक विकास से सम्बन्ध का नियम

व्याख्या (1) द्रुतगामी विकास का नियम शारीरिक विकास का एक प्रमुख नियम है। शारीरिक विकास उस प्रक्रिया को संदर्भित करता है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति की क्षमता गुण और विशेषताएँ प्रकट होती हैं।

4. निम्नलिखित में से कौन-सा विकास का सिद्धान्त नहीं है?

(1) परस्पर सम्बन्ध का सिद्धान्त

(2) निरन्तर विकास का सिद्धान्त

(3) अनुकूलित प्रत्यावर्तन का सिद्धान्त

 (4) समान प्रतिमान का सिद्धान्त

व्याख्या (3) अनुकूलित प्रत्यावर्तन का सिद्धान्त विकास का सिद्धान्त नहीं है । > निरन्तर विकास का सिद्धान्त, विकास दिशा का सिद्धान्त, वैयक्तिक विभिन्नता का सिद्धान्त, क्रमबद्धता का सिद्धान्त, परस्पर सम्बन्ध का सिद्धान्त, समान प्रतिमान का सिद्धान्त तथा वंशानुगत व वातावरण की अन्तःक्रिया का सिद्धान्त, विकास के प्रमुख सिद्धान्त हैं।

5. ‘विकास के परिणामस्वरूप नवीन विशेषताएँ और नवीन योग्यताएँ प्रकट होती हैं? यह कथन . ने दिया है। 

(1) मेरेडिथ

(2) हरलॉक

(3) गेसेल:

 (4) डगलस और होलैण्ड

व्याख्या (2) मनोवैज्ञानिक हरलॉक के अनुसार, “विकास के परिणामस्वरूप नवीन विशेषताएँ और नवीन योग्यताएँ प्रकट होती हैं।”

6. कोहलर अपने प्रयोग से यह सिद्ध करना चाहते थे कि अधिगम 

(1) जानवरों में मनुष्यों से श्रेष्ठ है

(2) एक स्वतन्त्र क्रिया है

(3) समग्र परिस्थिति का प्रत्यक्षीकरण है 

(4) मानव का अधिगम प्रयोजनपूर्ण है,

व्याख्या (3) कोहलर अपने प्रयोग से यह सिद्ध करना चाहते थे कि अधिगम समग्र परिस्थिति का प्रत्यक्षीकरण है। कोहलर ने ‘अन्तर्दृष्टि सीखने का सिद्धान्त प्रस्तावित किया है। उनके अनुसार अधिगम समग्र परिस्थिति का प्रत्यक्षीकरण है। | उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET)कोहलर का सीखने का सिद्धान्त सोच और विभिन्न मानसिक प्रक्रियाओं की व्याख्या करता है और यह बताता है कि वे व्यक्तियों में सीखने का उत्पादन करने के लिए आन्तरिक और बाहरी कारकों से कैसे प्रभावित होते हैं।

7. किसने पाठ योजना की ‘पंचपद प्रणाली’ को प्रतिपादित किया?

(1) किलपैट्रिक

(2) हरबर्ट

(3) जॉन डीवी

(4) ब्लूम

व्याख्या (2) प्रसिद्ध शिक्षाशास्त्री एवं मनोवैज्ञानिक हरबर्ट ने पाठ योजना की ‘पंचपद प्रणाली’ को प्रतिपादित किया। यह विधि मनोवैज्ञानिक सिद्धान्त पर आधारित है।इस विधि द्वारा शिक्षण क्रमबद्ध होता है।इससे शिक्षण की बोधगम्यता पर बल दिया जाता है। इसमें पदों द्वारा पाठ के शिक्षण का विधान किया गया है।

8. निम्नलिखित में ग्रन्थियों के आधार व्यक्तित्व के विभिन्न प्रकारों की चर्चा किसने की है?

(1) कैनन

 (2) जुंग

(3) क्रेशमर

(4) सौन्जर

व्याख्या (1) ग्रन्थियों के आधार पर व्यक्तित्व के विभिन्न प्रकारों की चर्चा कैनन द्वारा की गई है।कैनन ने अन्तःस्रावी ग्रन्थि के अनुसार व्यक्तित्व की चर्चा की है। व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाली अन्तःस्रावी ग्रन्थियों में पीयूष ग्रन्थि(Pituatary Gland) एड्रीनल ग्रन्थि (Adrenal Gland) कण्ठ ग्रन्थि(Thyriod Gland) उपकण्ठ ग्रन्थि (Parathyroid Gland) पैंक्रियाज (Pancreas) तथा यौन ग्रन्थि (Sex Gland) आदि प्रमुख ग्रन्थियाँ हैं।

 9. सृजनात्मकता मौलिक परिणामों को अभिव्यक्त करने की मानसिक प्रक्रिया है।’ यह कथन है।

(1) डीहान का

(2) वहल का

(3) कोल एवं ब्रूस का

 (4) क्रो एवं क्रो का

व्याख्या (4) क्रो एवं क्रो के अनुसार, “सृजनात्मकता मौलिक परिणामों अभिव्यक्त करने की मानसिक प्रक्रिया है। “को सृजनात्मकता एक ऐसी प्रक्रिया है जो लक्ष्य निर्देशित होती है। इसमें व्यक्ति को अपना लक्ष्य निश्चित रूप से ज्ञात होता है एवं उसका व्यवहार उसी लक्ष्य से सम्बन्धित होता है।

10. बी. एफ. स्किनर के अनुसार बच्चों में भाषा का विकास होता है।

(1) अनुकरण एवं प्रबलन के फलस्वरूप

(2) परिपक्वता के फलस्वरूप

(3) जन्मजात क्षमताओं के फलस्वरूप 

 (4) व्याकरण में प्रशिक्षण के फलस्वरूप

व्याख्या (1) स्किनर के अनुसार बच्चों में भाषा का विकास अनुकरण एवं प्रबलन के फलस्वरूप होता है। स्किनर द्वारा क्रिया प्रसूत अनुबन्धन सिद्धान्त का प्रतिपादन किया गया।

11. मूल प्रवृत्तियों को चौदह प्रकार से ……….. ने वर्गीकृत किया है।

(1) थॉर्नडाइक

(2) मैक्डूगल

(3) ड्रेवर

(4) वुडवर्थ

व्याख्या (2) अमेरिकी मनोवैज्ञानिक मैक्डूगल ने मूल प्रवृत्तियों को चौदहप्रकार से वर्गीकृत किया है।  मैक्डूगल ने उद्देश्यपूर्ण व्यवहार के अध्ययन पर बल दिया है तथा उद्देश्यपूर्ण व्यवहार को व्यक्ति की मूल प्रवृत्ति माना है।

12. ‘किसी दूसरी वस्तु की अपेक्षा एक वस्तु पर चेतना का केन्द्रीकरण अवधान है’ यह कथन है।

(1) मन का 

(3) डम्बल का

(2) रॉस का

(4) मैकडुगल का

व्याख्या (3) डम्बिल ने अवधान के सन्दर्भ में कहा है कि ” किसी दूसरी वस्तु की अपेक्षा एक वस्तु पर चेतना का केन्द्रीकरण अवधान है।” > अवधान का स्वरूप प्रेरणात्मक होता है। सोचना, सीखना, निर्णय लेना, धारणा आदि सभी अवधान पर निर्भर करते हैं।

13. निम्नलिखित में किसका नाम ‘सुजननशास्त्र के पिता’ से जुड़ा हुआ है?

(1) रॉस 

(2) गाल्टन

(3) क्रो एवं क्रो

 (4) वुडवर्थ

व्याख्या (2) फ्रांसीसी मनोवैज्ञानिक गाल्टन का नाम ‘सुजननशास्त्र के पिता’ से सम्बन्धित है।

14. 12 वर्ष से 16 वर्ष के बालकों हेतु हिन्दी में डॉ. एस.जलोटा ने कौन-सा परीक्षण प्रतिपादित किया है?

(1) आर्मी अल्फा टेस्ट

(2) साधारण मानसिक योग्यता परीक्षण

(3) अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण

(4) चित्रांकन परीक्षण

व्याख्या (2) 12 वर्ष से 16 वर्ष के बच्चों के लिए हिन्दी में डॉ. एस जलोटा ने साधारण मानसिक योग्यता परीक्षण प्रतिपादित किया है। > शाब्दिक बुद्धि परीक्षण का प्रयोग केवल उन्हीं व्यक्तियों की बुद्धि को मापने में किया जाता है जो पढ़े-लिखे हैं तथा जिन्हें भाषा का ज्ञान है। > प्रथम विश्वयुद्ध के समय सैनिकों की बुद्धि मापने के लिए बुद्धि परीक्षणों की आवश्यकता महसूस की गई थी, जिसके फलस्वरूप अमेरिका में आर्मी अल्फा परीक्षण, आर्मी जनरल क्लासिफिकेशन जैसे परीक्षणों का निर्माण किया गया था।

15. बुद्धि के ‘द्विकारक सिद्धान्त’ का प्रतिपादन किसने किया?

 (1) वर्नन

(2) स्पीयरमैन 

(3) थॉर्नडाइक 

(4) स्टर्न

व्याख्या (2) स्पीयरमैन के अनुसार, बुद्धि की संरचना में मूल रूप से दो कारण निहित होते हैं- 1. सामान्य कारक (General Factor), 2. विशिष्ट-कारक (Specific Factor) – ब्रिटेन के मनोवैज्ञानिक स्पीयरमैन नेप्रतिपादन वर्ष 1904 में किया था।बुद्धि के द्विकारक सिद्धान्त का

16. पूर्व अनुभव के आधार पर संवेदना का अर्थ प्रदान करना कहलाता है।

(1) स्मृति

(2) प्रत्यक्षीकरण 

(3) कल्पना

(4) चिन्तन

व्याख्या (2) पूर्व अनुभव के आधार पर संवेदना का अर्थ प्रदान करनाप्रत्यक्षीकरण कहलाता है। प्रत्यक्ष ज्ञान एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से हम प्राप्त सूचनाओं को आसानी से व्याख्या कर सकते हैं और उन्हें आसानी से व्यवस्थित कर सकते हैं जिससे की वस्तु और उनसे सम्बन्धित जानकारी के बारे में हम जागरूक हो सकें।

17. सीखने में प्रयास व भूल के सिद्धान्त का प्रतिपादन किसने किया? 

(1) थॉर्नडाइक 

(2) पावलाव

3) कोहलर

(4) गेस्टाल्ट

व्याख्या (1) ई. एल. थॉर्नडाइक द्वारा प्रतिपादित ‘सीखने में प्रयास व भूल का सिद्धान्त साहचर्यवाद (Associationism ) डार्विनवाद (Drawinism ) तथा वैज्ञानिक विधियों (Scientific Methods) का मिश्रण है। > प्रयास तथा भूल’ के लिए थॉर्नडाइक ने पहले ‘चयन एवं संयोजी पदों का प्रयोग किया था।

18. औसत बुद्धि वाले बालकों का बुद्धि लब्धि स्तर होगा

(1) 90-109

(3) 70-79

(2) 80-89

(4) 110-114

व्याख्या (1) औसत बुद्धि वाले बालकों का बुद्धिलब्धि स्तर 90-109 होता है।बुद्धिलब्धि के मान 1Q 130 या इससे अधिक120-129 तक-अतिश्रेष्ठ (Very Superior),110 119 तक-90 109 तक,80 89 तक,70 79 तक,069 तक क्रम से श्रेष्ठ (Superior),उच्च औसत (High Average),सामान्य (Average),निम्न औसत (Below Average),सीमान्त (Borderline),मानसिक विकार वाले बालक (Mentally Retarted)

19. निम्न में से कौन तरल क्रिस्टलीय बुद्धि के प्रतिमान के प्रतिपादक थे?

(1) वर्नन

(2) थॉर्नडाइक

(3) कैटेल 

 (4) स्किनर

 (व्याख्या) क्रिस्टलीय बुद्धि के प्रतिमान के प्रतिपादक कैटेल

20. क्रिया प्रसूत अधिगम सिद्धान्त का प्रतिपादन किया थे।

(1) हेगार्टी

(2) थॉर्नडाइक

(3) हल

(4) स्किनर

व्याख्या (4) क्रिया प्रसूत अधिगम सिद्धान्त का प्रतिपादन रिकनर ने किया था। स्किनर के अनुसार सक्रिय अनुबन्धन से अभिप्राय एक ऐसी अधिगम प्रक्रिया से है, जिसके द्वारा सक्रिय व्यवहार की सुनियोजित पुनर्बलन द्वारा पर्याप्त बल मिल जाने के कारण वांछित रूप में जल्दी-जल्दी पुनरावृत्ति होती रहती है और सीखने वाला अन्त में जैसा व्यवहार सिखाने वाला चाहता है वैसा सीखने में समर्थ हो जाता है। स्किनर ने चूहे, कबूतर आदि प्राणियों पर प्रयोग किए।

21. ब्लू प्रिन्ट निम्न में किसका महत्त्वपूर्ण घटक है?

(1) परीक्षण प्रशासन

(2) परीक्षण वैधता

 (3) परीक्षण निर्माण

(4) परीक्षण अंकन

व्याख्या (3) ब्लू प्रिंट परीक्षण निर्माण का महत्त्वपूर्ण घटक है। > ब्लू प्रिंट किसी प्रश्न-पत्र के निर्माण से पूर्व प्रश्नों के अंक निर्धारण कर तैयार किया जाने वाला खाका होता है।

22. विकास की पूर्व संक्रिया अवस्था निम्न में किसने दिया था?

(1) कोहलर

(2) पियाजे

(3) हुनर

(4) स्किनर

व्याख्या (2) विकास की पूर्व संक्रियात्मक अवस्था का सिद्धान्त पियाजे ने दिया था। > जीन पियाजे ने बालकों के संज्ञानात्मक विकास की व्याख्या करने के लिए चार अवस्था सिद्धान्त का प्रतिपादन किया है। ये अवस्थाएँ निम्न है- संवेदी पेशीय अवस्था (02 वर्ष) (Sensory Motor Stage) पूर्व संक्रियात्मक अवस्था ( 27 वर्ष) (Pre Operational Stage),मूर्त संक्रियात्मक अवस्था (711 वर्ष) (Concrete Operational Stage),अमूर्त सक्रियात्मक अवस्था ( 11 Above) (Formal Operation Stage).

23. एम.पी.पी.आई. परीक्षण का उपयोग निम्न में किसके मापन में किया जाता है?

 (1) सम्प्राप्ति

(2) बुद्धि

(3) व्यक्तित्व

(4) सृजनात्मकता

व्याख्या (*) एम.पी.पी.आई. परीक्षण नामक परीक्षण व्यक्तित्व, बुद्धि, सम्प्राप्ति, सृजनात्मकता आदि से सम्बन्धित नहीं है। व्यक्तित्व से सम्बन्धित परीक्षण एम.एम.पी.आई. परीक्षण है। प्रश्नगत त्रुटि के कारण आयोग द्वारा इस प्रश्न का अंक प्रत्येक अभ्यर्थी को दिया गया है।

24. अधिगम हेतु निम्न में क्या सर्वाधिक आवश्यक है ? 

(1) परिपक्वता

 (2) रुचि

 (3) अभिप्रेरणा

(4) निर्देशन

व्याख्या (3) अधिगम हेतु अभिप्रेरणा सर्वाधिक आवश्यक है। > अधिगम के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया जाता है ताकि वे शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में पूर्ण रूप से भागीदारी करें।

25. शैशवकाल का समय है,

 (1) जन्म से 6 वर्ष तक

(2) जन्म से 2 वर्ष तक

 (3) 12 वर्ष से 18 वर्ष तक

 (4) 15 वर्ष तक

व्याख्या (2) शैशवकाल का समय जन्म से दो वर्ष तक का होता है। पूर्व बाल्यावस्था का काल 26 वर्ष 7- 11 वर्ष, उत्तर बाल्यावस्था का काल 7-,11 किशोरावस्था का काल 12 से 18 वर्ष

26. कोहलर निम्न में किससे सम्बन्धित है?

(1) व्यक्तित्व के सिद्धान्त

(2) विकास के सिद्धान्त

 (3) अभिप्रेरणा के सिद्धान्त

 (4) अधिगम के सिद्धान्त

व्याख्या (4) कोहलर अधिगम के सिद्धान्त से सम्बन्धित है। > कोहलर ने अन्तर्दृष्टि समझ के सिद्धान्त का प्रतिपादन किया है। अन्तर्दृष्टि या सूझ एक प्रकार की वह मानसिक योग्यता है जो मनुष्यों तथा उच्च श्रेणी के पशुओं में अधिक पाई जाती है। इसके द्वारा किसी भी समस्या का हल अचानक ही मस्तिष्क में आ जाता है। > कोहलर ने अपना प्रयोग वनमानुषों और चिम्पैंजियों पर किया।

27. मैकडुगल के अनुसार मूल प्रवृत्तियों की संख्या होती है।

 (1) 12

 (2) 14

(3) 15 

(4)10

व्याख्या (2) मैकडुगल के अनुसार मूल प्रवृत्तियों की संख्या 14 होती है।

28. मानसिक उद्वेलन प्रतिमान का प्रयोग निम्न में से किसके शिक्षण हेतु किया जाता है? 

(1) सृजनात्मकता

(3) समझ

(2) अनुप्रयोग

(4) समस्या समाधान

व्याख्या (4) मानसिक उद्वेलन प्रतिमान (Brain storming modal) का | प्रयोग समस्या समाधान शिक्षण हेतु किया जाता है। इसके अन्तर्गत विद्यार्थियों के मस्तिष्क को उद्वेलित करने हेतु उन्हें समस्या दी जाती है, जिसे विद्यार्थियों को बहु आयामों से देखते हुए हल करना होता है। समस्या समाधान अपनारी चिन्तन को प्रोत्साहित करती है।

29. निम्न में किसके प्रयोग में ‘कुत्ता’ एक विषयी था?

(1) थॉर्नडाइक

 (2) पाँवलाव

(3) स्किनर

(4) कोहलर

व्याख्या (2) पाँवलाव ने भूखे कुत्ते पर प्रयोग किया था। > पाँवलाव ने शास्त्रीय अनुबन्ध के सिद्धान्त का प्रतिपादन किया।

30. मौलिकता, नमनीयता तथा प्रवाह निम्न में किसके घटक हैं?

(1) व्यक्तित्व

(2) सृजनात्मकता

(3) बुद्धि

(4) अभिप्रेरणा

व्याख्या (2) सृजनात्मकता वह घटना है जिससे कल्पनाशील और मूल विचार वास्तविकता में परिवर्तित किए जाते हैं। ,सृजनात्मकता एक संज्ञानात्मक क्षमता है जो एक नए परिप्रेक्ष्य की पेशकश करके कुछ मूल विचारों से उत्पन्न करती है।  यह अपसारी सोच से सम्बन्धित है, जो एक से अधिक दृष्टिकोणों द्वारा समस्याओं को हल करने के तरीके को सन्दर्भित करता है।गिलफोर्ड (1986) ने सृजनात्मकता सोच को अपसारी सोच के रूप में माना जिसमें प्रवाह, नमनीयता, मौलिकता और विस्तार जैसे तत्व शामिल होते हैं

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